उत्तराखंड

रुद्रपुर : भांजे के हत्यारे मामा को आजीवन कारावास, तीन साल के बच्चे को उतारा था मौत के घाट; जमीन में गाड़ा था शव

रुद्रपुर में आठ साल पहले गूलरभोज से भांजे का अपहरण कर बेटे के साथ मिलकर गला घोंटकर हत्या करने के दोषी मामा को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक अभियुक्त के नाबालिग होने पर किशोर न्यायालय पूर्व में सजा सुना चुका है।

जानकारी के अनुसार गूलरभोज निवासी रजनेश ने तीन मई 2016 को गदरपुर थाने में तहरीर देकर तीन साल के बेटे अंश के घर से गायब होने की तहरीर दी थी। पुलिस ने केस दर्ज कर अंशक की तलाश शुरू कर दी थी। 11 मई 2016 की दोपहर पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर अंश के मामा रमेश निवासी ग्राम गिजपुरा नानाकार के पास थाना स्वार जिला रामपुर यूपी और उसके नाबालिक बेटे को उनके घर से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों के निशानदेही पर गिरजपुरा फार्म के पास एक खेत में गाड़े गए अंश का शव बरामद किया था।

पूछताछ में आरोपी रमेश ने बताया की उसकी बहन का विवाह गूलरभोज गदरपुर में रजनेश से हुआ था और रजनेश रेलवे में काम करता है। 3 मई 2016 को रजनेश के भाई की शादी की सालगिरह की पार्टी थी। जिसमे मेरी पत्नी और बेटा गए हुए थे। उसको चर्म रोग है और इस वजह से लोग उसका तिरस्कार करते रहते हैं। तीन मई को उसे सालगिरह पार्टी में नहीं बुलाया तो वह गुस्से में साइकिल लेकर गूलरभोज पहुंचा और घर के बाहर खेल रहे भांजे अंश को उठाकर घर ले आया।

रात होने पर जब वह रोने लगा तो उसने मुंह दबाकर अंश को अपने बेटे के साथ गांव से दूर खेत में ले गया। यहां अंश को देखा तो उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। जिसे उसने बेटे की मदद से फड़वे से जमीन खोदकर उसमें शव को दफन कर दिया। उसकी पत्नी घर लौटी तो उसने अंश के गायब होने और सूचना देने वाले को अंश की ओर से अच्छी रकम की जानकारी दी थी। जिसके बाद उसने अपने बेटे के साथ रजनेश से रुपये ऐंठने की योजना बनाई थी। वह गूलरभोज भी गया था और अंश को खोजने का नाटक किया था।

नौ मई को उसके बेटे ने फोन कर रजनेश से 10 लाख की मांग की थी। रजनेश की ओर से मामले की सूचना पुलिस को देने के बाद उन्होंने घबराकर मोबाइल और सिम को जला दिया था। रमेश के खिलाफ प्रथम अपर जिला सत्र न्यायालय में केस चला था। उसका बेटा नाबालिग होने पर उसकी सुनवाई किशोर न्यायालय में अलग से हुई थी।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक कुमार अरोरा ने बताया कि मामले में 16 गवाह और सबूत पेश कर रमेश पर दोष सिद्ध कर दिया। प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने आरोपी रमेश को आजीवन सश्रम कारावास और 60 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। बताया कि किशोर न्यायालय इस मामले में नाबालिग अभियुक्त को पूर्व में सजा सुना चुका है।

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