रुद्रपुर : पत्नी-बेटे ने नकारा और मां ने कहा था बेटे का है शव…लावारिस में हुआ था संस्कार, DNA से हुआ पहचान
रुद्रपुर। कहते हैं नौ महीने तक गर्भ में बच्चे को पालने वाली मां को अपने बच्चे की सबसे ज्यादा पहचान होती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। एक साल पहले नाले में मिले शव की पहचान महिला ने अपने बेटे के रूप में की थी लेकिन पत्नी और बेटे ने नकार दिया था। पुलिस को शव का लावारिश में अंतिम संस्कार कराना पड़ा था। कोर्ट की अनुमति के बाद पुलिस ने महिला का डीएनए सैंपल का मिलान शव के डीएनए सैंपल से कराया तो वह आपस में मिल गया। अब पुलिस विसरा की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
दरअसल एक अप्रैल 2023 को संजयनगर और ठाकुरनगर के बीच बहने वाले नाले में एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला था। पुलिस ने शव को निकालकर शिनाख्त की कोशिश की थी। ठाकुरनगर में रहने वाली मेनका और उसके बेटे को बुलाया गया लेकिन उन्होंने शव को पहचानने से इन्कार कर दिया। महिला की सास शक्तिफार्म निवासी भाग्यो देवी ने शव की पहचान अपने बेटे वासुदेव के रूप में की थी लेकिन बाद में रिश्तेदारों से राय मशविरे के बाद शव को किसी ने भी लेने से इन्कार कर दिया। इस पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर लावारिश में दाह संस्कार कर दिया था। इधर वासुदेव की पत्नी ने ट्रांजिट कैंप थाने में अपने पति के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं होने पर पुलिस विसरा और डीएनए सैंपल सुरक्षित रख लिया था।
पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की थी। पुलिस ने अदालत की अनुमति लेकर एक साल पहले भाग्यो देवी का डीएनए सैंपल और शव का डीएनएस सैंपल जांच को एफएसएल भेजा था। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में दोनों डीएनए का मिलान हो गया है। अज्ञात शव वासुदेव का होने की पुष्टि हुई है। अभी विसरा रिपोर्ट नहीं मिली है। विसरा रिपोर्ट मिलने पर मृत्यु की वजह का पता चल जाएगा। इस मामले में अपहरण का केस दर्ज था और अब इस मामले की गहनता से विवेचना होगी।