CJI DY chandrachud के रिटायर होने और Justice Sanjiv Khanna के अगले सीजेआई बनने पर सैलरी-सुविधाओं में कितना आएगा बदलाव? जानें क्या कहता हैं नियम
सुप्रीम कोर्ट के लिहाज से ये सप्ताह बेहद भावपूर्ण होने वाला है. वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) 10 नवंबर को सेवानिवृत होने जा रहे हैं. उनकी जगह सुप्रीम कोर्ट जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) CJI पद की शपथ लेंगे. ऐसे में दो उत्सुकता भरे सवाल मन में उमड़ सकते हैं, ये सवाल उनके मन भी आ सकता है जो अपने से छोटे लोग कहते हैं कि दूसरों की सैलरी के बारे में नहीं पूछना चाहिए. बहरहाल, ये सवाल है कि वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को रिटायरमेंट (CJI’s Pension) के बाद कितना पेंशन मिलेगा, क्या ग्रैच्युटी दी जाएगी, क्या अन्य सुविधाएं उन्हें दी जाएगी. दूसरा कि अगले सुप्रीम कोर्ट जस्टिस से CJI बने जस्टिस संजीव खन्ना की क्या-क्या सुविधाएं बढ़ेगी, सैलरी क्या होगा, आदि-आदि.
चूंकि भारत देश के सभी नागरिकों के हितों को संरक्षित रखने और उन्हें न्याय दिलाने का भार सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India), उच्च न्यायालयों (High Courts) और निचली अदालतों (Lower Courts) के न्यायाधीशों के कंधों पर है. विषय जनता के विश्वास को बरकरार रखने और पारदर्शिता बनाए रखने का भी है साथ ही इस जिम्मेदारी वाले काम को करने के लिए न्यायाधीशों को कितनी सैलरी दी जाती है और सैलरी के अलावा उनके विशेषाधिकार क्या हैं, आइए विस्तार से जानते हैं…
देश के मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को ‘उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम, 1958’ (The Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of Service) Act 1958) के तहत सैलरी और अन्य विशेषाधिकार दिए जाते हैं.
CJI की सैलरी और विशेषाधिकार
‘उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम, 1958’ के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) की हर महीने की सैलरी दो लाख अस्सी हजार रुपये (2,80,000/- रुपये) है. रिटायरमेंट के बाद सीजेआई (CJI) को हर साल सोलह लाख अस्सी हजार रुपये (16,80,000/- रुपये) की सालाना पेंशन दी जाती है जिसके साथ डियरनेस रिलीफ (Dearness Relief) भी दिया जाता है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की ग्रैच्युटी (Gratuity) बीस लाख रुपये (20,00,000/- रुपये) है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश को दस लाख रुपये (10,00,000/- रुपये) ‘साज-सज्जा भत्ता’ (Furnishing Allowance) दिया जाता है, उनका ‘सत्कार भत्ता’ (Sumptuary Allowance) 45 हजार रुपये (45,000/-) प्रति माह है और उन्हें उनकी सैलरी की 24 प्रतिशत राशि ‘मकान किराया भत्ता’ (House Rent Allowance) के तौर पर दी जाती है.
इस सबके साथ उन्हें एक आधिकारिक निवास (Official Residence) दिया जाता है, एक सरकारी वाहन (Official Vehicle), सुरक्षा (Protection), यात्रा भत्ता (Travel Allowance) और चिकित्सा सेवाएं (Medical Facilities) भी दी जाती हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सैलरी
न्याय विभाग (Department of Justice) की आधिकारिक वेबसाइट के हिसाब से, ‘उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम, 1958’ के तहत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हर महीने दो लाख पचास हजार रुपये (2,50,000/- रुपये) सैलरी मिलती है, उनकी सालाना पेंशन 15 लाख रुपये (15,00,000/- रुपये) है जिसके साथ डियरनेस रिलीफ (Dearness Relief) शामिल है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को भी सीजेआई की तरह बीस लाख रुपये (20,00,000/- रुपये) ग्रैच्युटी (Gratuity) दी जाएगी.
न्यायाधीशों को आठ लाख रुपये (8,00,000/- रुपये) ‘साज-सज्जा भत्ता’ (Furnishing Allowance) दिया जाता है, उनका ‘सत्कार भत्ता’ (Sumptuary Allowance) 34 हजार रुपये (34,000/-) प्रति माह है और उन्हें उनकी सैलरी की 24 प्रतिशत राशि ‘मकान किराया भत्ता’ (House Rent Allowance) के तौर पर दी जाती है.
इस सबके साथ उन्हें एक आधिकारिक निवास (Official Residence) दिया जाता है, एक सरकारी वाहन (Official Vehicle), सुरक्षा (Protection), यात्रा भत्ता (Travel Allowance) और चिकित्सा सेवाएं (Medical Facilities) भी दी जाती हैं.