उधमसिंह नगर में अगले वर्ष से ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध
रुद्रपुर। जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि जनपद में अधिकांश कृषकों द्वारा कृषि से अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए ग्रीष्मकालीन धान की खेती पद्धति अपनायी जा रही है, जोकि पर्यावरण के दृष्टिकोण एवं भूमिगत जल संरक्षण की दृष्टि से भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि जनपद में आगामी फसली वर्ष में 1 फरवरी से 15 जून की अवधि में ग्रीष्मकालीन धान की खेती को प्रतिबंधित करने की प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को जिलाधिकारी ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय फार्म एवं उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्थान, सैनिक फार्म पत्थरचट्टा पंतनगर को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने प्रक्षेत्रों में आगामी फसली वर्षों में 1 फरवरी से 15 जून की अवधि में ग्रीष्मकालीन धान की खेती को प्रतिबंधित करें।
साथ ही इस अवधी में अन्य फसलों की खेती का विकल्प अपनाएं। यहां बता दें कि पूर्व में जिलाधिकारी ने जनपद के सभी उप जिलाधिकारियों को अपनी-अपनी तहसील में गर्मियों में धान की खेती को रोकने के लिए कृषकों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए थे।
साथ ही इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अपने कार्य क्षेत्र में भ्रमण करने के साथ ही किसानों को जागरूक करने लिए कहा था। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारी भ्रमण के दौरान जनपद के सभी कृषकों को ग्रीष्मकालीन धान की खेती न करने एवं विकल्प के रूप में मक्का, मूंग, उड़द व गन्ने की फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित करने को कहा था। ताकि आगामी वर्ष में ग्रीष्मकालीन धान की खेती को पूर्णतया प्रतिबंधित करने की कार्रवाई की जा सके।